समझाने

समझाने

मन उस बच्चे की तरह है,
जिसे एक बार नहीं,
बार - बार समझाने की जरुरत है |

Accept

Accept

में शुरुआत में जब
ब्रह्माकुमारी में आई तो
एक बात थी जो में
Accept नहीं कर पा
रही थी ,यहाँ कहा
जाता था की यहाँ
खुद परमात्मा पढ़ा
रहे है, लेकिन जब
मेने समझा
और पढ़ा तब पता चला
यहाँ खुद परमात्मा पढ़ा रहे है|

Bk Shivani

स्त्री का भय

स्त्री का भय

एक मित्र ने कहा -गुप्ता जी, में विवाह इस कारण

नहीं करना चाहता हु की मुझे स्त्रियो से दर लगता है
गुप्ता जी ने समझाया-ऐसी बात है तो तुरंत विवाह
कर डालो, में अपनी अनुभव से कहता हु की विवाह
के बाद एक ही स्त्री का भय रह जाता है